1. जंगल की सुबह और गोलू की दुनिया
सुबह-सुबह सूरज की पहली किरण जैसे ही जंगल के विशाल पेड़ों की पत्तियों पर गिरी, पूरा जंगल सुनहरी रोशनी से नहा उठा। हवा में मिट्टी और गीली पत्तियों की खुशबू घुली हुई थी।
जंगल के सभी जीव अपने-अपने काम में लगे थे।
- मोरनी अपने पंख फैलाकर नाच रही थी,
- बंदर टहनियों पर झूलते हुए खेल रहे थे,
- और गिलहरियाँ इधर-उधर भाग-दौड़ में लगी थीं।
इन्हीं पेड़ों के बीच एक नन्हा-सा हाथी रहता था—गोलू।
गोलू की गोल-मटोल टाँगें, छोटी-सी पूंछ और लंबी-सी सूंड देखकर कोई भी उससे प्यार कर बैठता।
गोलू अपने माँ गौरी हाथी का लाडला था।
हर सुबह गोलू अपनी माँ के पास लिपटकर ही जागता।
उस दिन सुबह जैसे ही उसकी आँख खुली, मम्मी गौरी ने मुस्कुराते हुए कहा,
“गुड मॉर्निंग मेरे शेर! पता है आज का दिन कितना खास है?”
गोलू ने नींद में ही आँखें मलते हुए कहा,
“क्या मम्मी?”
गौरी ने अपनी सूंड से उसे धीरे से गुदगुदाया,
“आज तुम्हारा पहला जन्मदिन है!”
2. जंगल में जन्मदिन की तैयारी
जंगल के सभी दोस्त कई दिनों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे।
- मोनू बंदर ने सारे पेड़ों पर लटकने वाली बेलों को इकट्ठा कर रंग-बिरंगी सजावट बनाई।
- चिंकी गिलहरी ने मीठे जामुन और अखरोट इकट्ठे किए।
- मोना मोरनी ने फूलों के हार बनाए ताकि पार्टी की सजावट सुंदर लगे।
- भोलू भालू शहद की पूरी हांडी लेकर आया, क्योंकि गोलू को शहद और केले सबसे ज्यादा पसंद थे।
मोनू बंदर चिल्लाया,
“गोलू का केक तैयार करना है! चलो सब लग जाओ!”
केक की रेसिपी थी जंगल स्टाइल:
- केले की परतें
- शहद और जामुन का सिरप
- ऊपर से फूलों की सजावट
जब केक तैयार हुआ, मोरनी ने उस पर चार छोटी मोमबत्तियाँ लगाईं।
3. गोलू की खुशी और मोमबत्ती का जादू
गोलू अपनी सूंड हिलाते हुए पार्टी में आया।
पूरा जंगल जोर से बोला:
“हैप्पी बर्थडे टू गोलू!”
उसके कान खुशी से फड़फड़ाने लगे।
मोनू बंदर ने कहा,
“चलो गोलू, मोमबत्तियाँ बुझाओ।”
गोलू ने अपनी सूंड को गोल-गोल घुमाकर फूँक मारी।
मोमबत्तियाँ बुझ गईं और पूरा जंगल तालियों से गूंज उठा।
छोटे-छोटे पक्षी गोलू के ऊपर उड़कर जैसे नाचने लगे।
गोलू बोला,
“ये मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा दिन है!”
4. खतरे की आहट
अचानक, खुशियों के बीच जंगल की शांति टूट गई।
दूर से ट्रकों और ट्रैक्टरों की आवाज़ें आने लगीं।
गौरी हाथी सतर्क हो गई।
उसने गोलू को अपनी सूंड से पास खींच लिया और बोली,
“बेटा, पास ही रहना। मुझे अच्छा नहीं लग रहा।”
दरअसल, ये आवाज़ शिकारियों की थी।
वो छोटे हाथियों को पकड़कर उन्हें बेच देते थे।
5. गोलू का अपहरण और डर
कुछ ही देर में ट्रक और जीप जंगल में घुस आई।
शिकारी हाथ में जाल और रस्सियाँ लिए उतरे।
मोनू बंदर ने पेड़ों पर से आवाज़ लगाई,
“सब छुप जाओ! शिकारी आ गए!”
लेकिन गोलू छोटा और मासूम था।
वो डर के मारे इधर-उधर भागने लगा।
एक शिकारी बोला,
“बस यही चाहिए! छोटा हाथी! इसे पकड़ लो!”
गोलू चीखते हुए बोला,
“मम्मी! मम्मी बचाओ!”
गौरी दौड़ी, पर शिकारी तेज़ थे।
उन्होंने जाल फेंककर गोलू को फँसा लिया और उसे ट्रक में डाल दिया।
जंगल में सन्नाटा छा गया।
गौरी की आँखों में आँसू थे, और पूरा जंगल दुखी था।
6. जंगल के दोस्तों की प्लानिंग
रात को जंगल के सभी दोस्त इकट्ठा हुए।
भोलू भालू ने गुस्से में कहा,
“हमारा दोस्त खतरे में है। हम उसे बचाएंगे।”
मोनू बंदर बोला,
“हमें इंसानों की मदद चाहिए। चलो जंगल रेंजर को बुलाते हैं।”
जंगल रेंजर वही इंसान था जो जानवरों की रक्षा करता था।
उसने प्लान बनाया:
“सुबह-सुबह हम शिकारी के ट्रक का पीछा करेंगे और गोलू को बचाएंगे।”
7. गोलू की हिम्मत और मम्मी की याद
ट्रक में बैठा गोलू रो रहा था।
वो सोच रहा था,
“काश मैं अभी मम्मी के पास होता…”
फिर उसे अपनी मम्मी की बातें याद आईं:
“गोलू, बहादुर बच्चे मुश्किल समय में हिम्मत नहीं हारते।”
गोलू ने अपनी सूंड से जाल खींचना शुरू किया।
धीरे-धीरे जाल ढीला होने लगा।
8. रेस्क्यू मिशन शुरू
सुबह होते ही रेंजर अपनी जीप लेकर शिकारी के पीछे लग गया।
भोलू भालू और मोनू बंदर उसके साथ थे।
जैसे ही शिकारी नदी किनारे रुके, रेंजर ने टीम को इशारा किया।
- मोनू बंदर पेड़ों पर चढ़कर पत्थर फेंकने लगा
- भोलू भालू गरज कर शिकारी को डराने लगा
- रेंजर ने गोलू का जाल काटा और उसे आज़ाद कर दिया
गोलू ट्रक से कूदते ही सीधे अपनी मम्मी के पास भागा।
गौरी ने उसे सूंड में लपेटकर कसकर गले लगा लिया।
“मेरा बच्चा… मेरा गोलू…”
उसकी आँखों में खुशी के आँसू थे।
9. जंगल में फिर से जन्मदिन की पार्टी
उस शाम जंगल फिर से जश्न में डूब गया।
इस बार गोलू का जन्मदिन और भी खास था, क्योंकि सबने उसकी बहादुरी और रेस्क्यू का जश्न मनाया।
गोलू ने अपनी सूंड से मोमबत्तियाँ बुझाईं और कहा:
“आज मैंने सीखा कि हिम्मत और दोस्तों की मदद से हर मुश्किल आसान हो जाती है।”
पूरा जंगल खुशी से झूम उठा।
कहानी की सीख
- माँ का प्यार सबसे बड़ा सहारा है।
- हिम्मत और दोस्तों की मदद से मुश्किलें आसान हो जाती हैं।
- जानवरों की रक्षा करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।