मोहाली, 8 जून 2025: पंजाब के मोहाली ज़िले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक एएसआई (सहायक उप निरीक्षक) ने विजिलेंस टीम के एक अफसर को कथित तौर पर अपनी कार से कुचल दिया। घटना शुक्रवार देर रात की है, और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिससे आम जनता में भारी रोष है।
क्या हुआ था घटनास्थल पर?
मिली जानकारी के मुताबिक, विजिलेंस ब्यूरो की टीम मोहाली में एक कथित भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही थी। टीम का नेतृत्व कर रहे अफसर जब आरोपी एएसआई से पूछताछ के लिए पहुंचे, तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई। तभी अचानक आरोपी एएसआई ने अपनी कार स्टार्ट की और मौके से भागने की कोशिश में सीधे विजिलेंस अफसर को टक्कर मार दी।
चश्मदीदों के मुताबिक, टक्कर इतनी जोरदार थी कि अफसर सड़क पर दूर जा गिरा। उसके सिर और कमर में गंभीर चोटें आईं। साथी अफसरों ने तुरंत घायल को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल उनकी हालत स्थिर है लेकिन गंभीर बनी हुई है।
वीडियो वायरल, लोगों में गुस्सा
घटना का सीसीटीवी फुटेज कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस तरह आरोपी एएसआई ने बिना किसी चेतावनी के कार दौड़ा दी। इसे देखकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #JusticeForVigilanceOfficer ट्रेंड कर रहा है।
FIR दर्ज, ASI फरार
विजिलेंस विभाग की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने आरोपी एएसआई के खिलाफ हत्या की कोशिश (IPC 307) और अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि, खबर लिखे जाने तक आरोपी फरार था और उसकी तलाश जारी है।
पुलिस अधीक्षक (SP) मोहाली ने प्रेस को बताया, “हम आरोपी को जल्द गिरफ्तार करेंगे। यह सिर्फ एक अफसर पर हमला नहीं है, बल्कि कानून पर सीधा हमला है। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।”
परिवार की अपील: “बस इंसाफ चाहिए”
घायल अफसर के परिवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें किसी मुआवज़े या राजनीति से मतलब नहीं है — उन्हें सिर्फ न्याय चाहिए। उनके बेटे ने कहा, “मेरे पिता अपने फर्ज को निभा रहे थे। अगर ऐसे अफसर भी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी का क्या होगा?”
बड़ी जांच की मांग
इस घटना के बाद विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार से मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पुलिस महकमे के भीतर फैले भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी पर अब लगाम लगानी ही होगी।
निष्कर्ष
यह घटना न सिर्फ पंजाब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भ्रष्टाचार की जांच करने वालों के लिए कितनी चुनौतीपूर्ण राह है। अब सवाल यह है कि क्या सरकार और प्रशासन इस घटना से कोई सीख लेंगे या फिर यह एक और “वायरल खबर” बनकर भुला दी जाएगी?
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अगर आप भी इस घटना पर अपनी राय देना चाहते हैं या अफसर के परिवार को समर्थन देना चाहते हैं, तो सोशल मीडिया पर अपनी आवाज़ जरूर उठाएं। क्योंकि जब तक हम चुप रहेंगे, तब तक ऐसे हमले दोहराए जाते रहेंगे।